नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने वालों को बड़ी राहत दी। RBI ने प्रीपेड पेमेंट इंस्टूमेंट्स (PPIs) के मास्टर डायरेक्शन में बदलाव को मंजूरी दी है। इसके तहत बैंक और नॉन बैंक रिजर्व बैंक की अनुमति के बाद अलग-अलग तरीके के प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स (PPIs) जारी कर सकते हैं। इन्हें KYC के बिना विभिन्न सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क पर भुगतान के लिए PPI जारी करने की अनुमति होगी। RBI के मुताबिक यात्रियों को डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा, बेहतर सुविधा, भुगतान में तेजी और किफायती सेवा प्रदान करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के भुगतान में सक्षम पीपीआई को जारी करने की मंजूरी दी गई है।
क्या होगा फायदा?
RBI द्वारा KYC के बिना PPIs जारी करने की मंजूरी की बाद मेट्रो, बस, ट्रेन, जलमार्ग, टोल और पार्किंग सेवाओं का भुगतान अब प्रीपेड वॉलेट और कार्ड के माध्यम से डिजिटल रूप से किया जा सकता है। देश में हर रोज बड़ी संख्या में लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करते हैं। ऐसे में यह इंस्ट्रूमेंट्स यात्रियों को डिजिटल पेमेंट की सहूलियत देगा, जो किफायती होगा और उनका समय भी बचाएगा। यह सुविधा सुरक्षित होगी और उन्हें पेमेंट के लिए कैश के अलावा दूसरे ऑप्शन भी देगा। रिजर्व बैंक के मुताबिक ये कदम तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।
क्या है PPI?
PPI ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं जिसमें जमा किए गए पैसों की मदद से सामान या सेवाओं के लिए भुगतान या फिर पैसों का लेनदेन किया जा सकता है। इन पीपीआई में डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या सीधे बैंक खाते की मदद से रकम को जमा किया जा सकता है।
कितने तरह के PPI हैं?
अभी देश में तीन तरह के PPI हैं- सेमी क्लोज्ड सिस्टम PPI, क्लोज्ड सिस्टम PPI और ओपन सिस्टम PPI। PPI का होल्डर वह व्यक्ति होता है जो PPI issuer से PPI प्राप्त करता/खरीदता है। हालांकि gift PPI के मामले में, कोई अन्य भी होल्डर हो सकता है।