महाकाल मंदिर में जो आग की घटना हुई इस बारे में उज्जैन के लोगों का कहना है जबसे मोहन यादव मुख्यमंत्री बने है शहर के कई उनके साथी भी अपने आप को मुख्यमंत्री समझने लगे है इस कदर रौब झाड़ते है कि कोई भी अधिकारी कुछ बोल नहीं सकता ।जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नियम बनाये थे जो मुख्यमंत्री यादव के पहले तक पालन किये गए जैसे ही मुख्यमंत्री यादव बने तो शहर का एक अलग ही कानून बन गया।मप्र का इकलौता मन्दिर राजनीति का अखाड़ा बन गया ।लोग कहते है कि पता नहीं केंद्रीय नेतृत्व में मोहन यादव को मुख्यमंत्री क्यों बनाया जवकि यादव में कोई ऐसी काबिलियत नहीं दिखती बल्कि बदनाम ज्यादा है।अब इस घटनाक्रम को दबाने के लिए तोड़मरोड़ जारी है क्योंकि मुख्य आरोपी मुख्यमंत्री के नजदीकी ही है।बहरहाल अब जनता को क्या न्याय मिलेगा देखने दूसरे राजा मोहन यादव से ये तो बक्त बताएगा पर असली उज्जैन के राजा का प्रकोप जरूर कुछ न कुछ असर दिखायेगा।