एक पहली क्लास का विद्यार्थी भी ऐसी बात नहीं करेगा जैसी राहुल गांधी करते है ।जरा सोचो इतने बड़े देश को जब संविधान ही चला रहा संविधान से ही राजनीति और मौलिक अधिकारों का आनंद ले रही जनता उस जनता में भाजपा के सदस्य भी है हम भी है तुम भी हो तो कैसे इस संविधान को खत्म किया जाएगा और इसकी जरूरत ही क्या है पर किसी ने राहुल गांधी को कह दिया होगा कि बड़े चलो अच्छा मुद्दा है संविधान का इसी को प्रमुख मुद्दा बनाये रखो तो राहुल गांधी छोटी सी किताब लेकर सभाओं में बोल रहे।अब ये हरकत उन्हीं कांग्रेसियो ने कराई होगी जो गांधी परिवार को इटली भेजने की सोच रहे होंगे।।
राहुल गांधी जब बोलते तो उनके चेहरे की भवभंगिमाये देखना ध्यान से एक मानसिक अशांति की ओर इशारा करती है इसलिए एक बार राहुल गांधी का मानसिक स्तर का परीक्षण होना जरूरी है कहि कोई रोग तो नहीं? यदि रोगी नहीं निकले तो जनता जरूर ध्यान देगी।राहुल को ये समझ नहीं आता कि भारत मे जो विकास नरेंद्र मोदी सरकार ने किया वह जनता रोज आनंद लेकर देख रही फिर जबरजस्ती में बेमतलब के जनता को भृमित क्यों कर रहे।राहुल बाबा चुनाव तक कि ही आजादी है घूम लो फिर तिहाड में रिजर्वेशन हो चुका है देखना इन्हीं आपके नेताओ में से कोई मिलने तक नहीं जाएगा।इसलिए लोकतंत्र में चुनाव लड़ो पर जनता को भृमित मत करो जो कमियां दिख रही उसी पर कायम रहो।