चंदन श्रीवास मंडला। माहिष्मति सर्व ब्राम्हण सभा द्वारा शहर के सिंहवाहिनी वार्ड के नावघाट में ब्राम्हण बटुकों का व्रतबंध संस्कार आयोजित किया गया। सभा के जिलाध्यक्ष आकाश दीक्षित ने बताया कि माहिष्मति सर्व ब्राम्हण सभा द्वारा पिछले करीब 30 सालों से ब्राम्हण बटुकों का सामूहिक व्रतबंध संस्कार कराया जा रहा है। इस बार भी यह आयोजन किया गया है। व्रतबंध विधान की शुरूआत सुबह 9 बजे से हुई। जिसमें सनातन धर्मानुसार, प्रबुद्ध आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रों से जनेऊ संस्कार कराया गया।
51 बटुकों का हुआ व्रतबंध
माहिष्मति सर्व ब्राम्हण सभा की ओर से पं. संतोष शुक्ला ने बताया कि इस बार 51 ब्राम्हण बटुकों का व्रतबंध कराया गया है। ब्राह्मण के लिए द्विज शब्द का उपयोग होता है। बालक का दूसरा जन्म यज्ञोपवीत अर्थात उपनयन संस्कार के बाद ही होता है। इसे व्रतबंध या जनेऊ संस्कार भी कहा जाता है। इस संस्कार से बालक में बुद्धि का विकास होता है और ब्रह्मचर्य के नियम पालन करने से जीवन ओजस्वी होता है। गायत्री मंत्र के जाप से शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होती है। अत: 8 वर्ष के आसपास व्रतबंध हो जाना चाहिए। इसकी अंतिम सीमा 16 वर्ष है यदि किसी कारण से समय में व्रतबंध नहीं हो हुआ होता है तो उन्हें जनेऊ संस्कार जरूर करा लेना चाहिए।
मंडला सहित अन्य जिलो से भी बटुक हुए शामिल-
आयोजकों ने बताया कि इस सामूहिक व्रतबंध आयोजन में मंडला जिले के विभिन्न विकासखण्डों के साथ आसपास के जिलों सहित छत्तीसगढ़ से भी कुछ ब्राम्हण बटुक यहां जनेऊ संस्कार कराने के लिए पहुंचे।
इनका हुआ जनेऊ संस्कार
पं.ओम आर्य मिश्रा, अभिषेक पांडे,अनिरुद्ध पांडे, अंकित शर्मा, कृषणा तिवारी,राघव तिवारी,अतुल अग्निहोत्री, राजीव पांडेय, अंशुल तिवारी, शुभांक पांडेय, सिद्धान्त पांडेय,हर्ष पांडेय,रुद्राक्ष तिवारी,दिनेश दुबे,प्रियेश तिवारी, दीपक उपाध्याय,हर्ष धर दुबे,शाश्वत तिवारी,आशुतोष उपाध्याय,मयंक उपाध्याय,विवेक दुबे,राहुल दुबे,हर्ष तिवारी, अंश तिवारी,अथर्व तिवारी, सक्षम तिवारी, श्रीयांश तिवारी,दीपक गर्ग,अतुल चौबे,जतिन बाजपेयी, सार्थक दुबे,अंकुर उपाध्याय,पार्थ मिश्रा,हिमांशु तिवारी, हर्ष तिवारी,आभास उपाध्याय, मृत्युंजय तिवारी, अक्षत शुक्ला,वैभव दुबे,कृष्णकुमार दुबे,अनुपम दुबे, नयन शुक्ला, निहाल शुक्ला,अमित मिश्रा सहित अन्य बटुकों का उपनयन संस्कार संपन्न हुआ।