लोन ऐप्स पर शिकंजे की तैयारी में सरकार, आम आदमी को होगा सीधा फायदा, जानिए डिटेल
Updated on
06-06-2025
नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही ऐसा बिल ला सकती है जिससे उन कर्ज देने वाली गतिविधियों पर रोक लगेगी, जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) या किसी दूसरी अधिकृत संस्था ने मंजूरी नहीं दी हो। इसका मकसद धोखाधड़ी को रोकना है। हालांकि, यह रिश्तेदारों के बीच आपसी कर्ज पर लागू नहीं होगा। यह बिल संसद के आगामी मॉनसून सत्र (21 जुलाई से 12 अगस्त) में पेश हो सकता सरकार है।
एक अधिकारी ने बताया कि 'बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड लेंडिंग एक्टिविटीज (BULA) बिल' पर लोगों की राय मिल चुकी है। कानून मंत्रालय के साथ आखिरी सलाह-मशविरा चल रहा है। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इसे बीमा संशोधन बिल से भी ज्यादा अहमियत दी जा सकती है, क्योंकि इसे चलन में लाने से आम आदमी को सीधा फायदा होगा। बीमा संशोधन बिल बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा मौजूदा 74% से बढ़ाकर 100% करने की बात करता है।
डिजिटल लोन ऐप्स
इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये बिल कई डिजिटल लोन ऐप्स पर लगाम लगाने के लिए बनाया जा रहा है। इन ऐप्स के खिलाफ अनरेगुलेटेड लोन देने और जबरदस्ती पैसे वसूलने की कई शिकायतें मिल रही हैं। 2019 में बने बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स बिल के साथ, ये नया बिल देश में लोन देने और पैसे जमा करने के काम को मजबूत और व्यवस्थित करेगा। इससे बिना रजिस्ट्रेशन वाली कंपनियों पर लगाम लगेगी और खामियां भी दूर होंगी।
अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल के तहत, सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ सिक्योरिटाइजेशन असेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट ऑफ इंडिया (CERSAL) को देश में पैसे जमा करने वालों का एक केंद्रीय डेटाबेस बनाना और उसका रखरखाव करना होगा। पिछले साल, सरकार ने संसद को बताया था कि गूगल ने सितंबर 2022 से अगस्त 2023 के बीच अपने प्ले स्टोर से 2200 से ज्यादा फर्जी लोन ऐप्स हटा दिए थे।
सख्ती से होगा लागू
एक दूसरे अफसर ने बताया कि डिजिटल लेंडर्स ने कुछ चिंताएं जरूर जाहिर की थीं, लेकिन उनका समाधान भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा, जब तक वे किसी रेगुलेटेड एंटिटी, जैसे नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी या स्टेट मनी लेंडर्स एक्ट के तहत रेगुलेटेड कंपनी के साथ पार्टनरशिप में काम कर रहे हैं, तो ये प्रस्तावित बिल का उल्लंघन नहीं है। सरकार ने पहले फरवरी 2025 तक राय मांगी थी। कुछ राज्यों में भी इस प्रस्तावित बिल के साथ अपने कानून को मिलाया जाएगा ताकि इसे सख्ती से लागू किया जा सके।
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